Jis Din Se Chala Hun Kabhi Mud Kar Nahi Dekha;
Meine Koi Gujra Hua Manjar Nahi Dekha!
Pathar Mujhe Kehta Hai Mera Chahna Wala;
Mein Moom Hu Usne Mujhe Chu Kar Nahi Dekha!
Bewaqt Agar Jauga Sab Chauk Padenge;
Ek Umra Hui Din Mein Kabhi Ghar Nahi Dekha!
Yeh Phool Mujhe Koi Virasat Mein Mile Hai;
Tumne Mera Kaanto Bhara Bistar Nahi Dekha!
Album: Tum To Nahin Ho
Singers: Jagjit Singh
Lyricist: Bashir Badr
जिस दिन से चला हूँ कभी मुड़कर नहीं देखा;
मैंने कोई गुज़रा हुआ मन्ज़र नहीं देखा!
पत्थर मुझे कहता है मेरा चाहने वाला;
मैं मोम हूँ उसने मुझे छूकर नहीं देखा!
बेवक़्त अगर जाऊँगा सब चौंक पड़ेंगे;
इक उम्र हुई दिन में कभी घर नहीं देखा!
ये फूल मुझे कोई विरासत में मिले हैं;
तुमने मेरा काँटों-भरा बिस्तर नहीं देखा!
आँखों में रहा दिल में उतरकर नहीं देखा;
कश्ती के मुसाफ़िर ने समन्दर नहीं देखा!
जिस दिन से चला हूँ मेरी मंज़िल पे नज़र है;
आँखों ने कभी मील का पत्थर नहीं देखा!
ख़त ऐसा लिखा है के नगीने जड़े हैं;
वो हाथ के जिसने कभी ज़ेवर नहीं देखा!
क़ातिल के तरफ़दार का कहना है कि उसने;
मक़तूल की गर्दन पे कभी सर नहीं देखा!
एल्बम: तुम तो नहीं हो
गायक: जगजीत सिंह
शायर: बशीर बद्र
Watch/Listen on youtube: Pictorial Presentation
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