Shaam Hone Ko Hai,
Lal Suraj Smandar Mein Khone Ko Hai,
Aur Uske Pare Kuch Parinde Kataar Banaye,
Unhi Janglo Ko Chale,
Jinke Pedon Ki Shakho Pe Hai Ghosale,
Yeh Parinde Wahi Laut Kar Jayenge,
Aur So Jayenge,
Hum Hi Hairan Hai,
Is Makano Ke Jangle Mein,
Aapna Koi Bhi Thikana Nahi,
Shaam Hone Ko Hai, Hum Kha Jayege.
Album: SOZ
Singers: Jagjit Singh
Lyricist: Javed Akhtar
शाम होने को है
लाल सूरज समंदर में खोने को है
और उसके परे कुछ परिंदे कतारें बनाए
उन्हीं जंगलों को चले
जिनके पेड़ों की शाखों पे हैं घोंसले
ये परिंदे वहीं लौटकर जाएँगे
और सो जाएँगे
हम ही हैरान हैं
इस मकानों के जंगल में
अपना कोई भी ठिकाना नहीं
शाम होने को है हम कहाँ जायेंगे
एल्बम: सोज़
गायक: जगजीत सिंह
शायर: जावेद अख़्तर
Watch/Listen on youtube: Pictorial Presentation
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