शनिवार, 12 जुलाई 2014

Apna Apna Rasta Hai Kuch Nahi


Apna Apna Rasta Hai Kuch Nahi,
Kya Bhala Hai Kya Bura Hai Kuch Nahi,


Justaju Hai Ek Musalsal Justaju,
Kya Kahi Kuch Kho Gya Haikuch Nahi,


Mohar Mere Nam Ki Har Shaype Hai,
Mere Ghar Me Mera Kya Hai Kuch Nahi,


Kahene Wale Apni Apni Kah Gaye,
Muzse Puch Kya Suna Hai Kuch Nahi,


Koi Darwaje Pe Hai To Kya Huya,
Aap Se Kuch Mangta Hai Kuch Nahi

Lyrics: Akhtar Nazmi
अपना अपना रास्ता है कुछ नही,
क्या भला है क्या बुरा है कुछ नही,


जुस्तजू है एक मुसलसल जुस्तजू,
क्या कही कुछ खो गया है कुछ नही,


मोहर मेरे नाम की हर शय पे है,
मेरे घर मे मेरा क्या है कुछ नही,


कहने वाले अपनी अपनी कह गए,
मुझसे पुछ क्या सुना है कुछ नही,


कोई दरवाजे पे है तो क्या हुआ,
आप से कुछ मांगता है कुछ नही,

शायर: अख्तर नाज़मी
Listen/watch on Youtube:
Jagjit Singh

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