Raat Bhi Neend
Bhi Kahaani Bhee
Haaye Kya Cheez
Hai Jawaani Bhee
Dil Ke Sholon
Se Padti Hai Sehra
Zindagi Aag
Bhee Hai Paani Bhee
Khalk Kya Kya
Mujhe Nahin Kehti
Kuch Sunoon
Main Teri Zubaani Bhee
Paas Rehna Kisi
Ka Raat Ki Raat
Mehmaani Bhee
Mezbaani Bhee
Album: FAVORITS
The Unforgettables (1976)
Singers: Jagjit Singh
Poet: Firaq
Gorakhpuri
रात भी नींद भी कहानी भी
हाय, क्या चीज है जवानी भी
एक पैग़ामे-ज़िन्दगानी भी
आशिक़ी मर्गे-नागहानी भी।
इस अदा का तेरे जवाब नहीं
मेह्रबानी भी सरगरानी१ भी।
दिल को अपने भी ग़म थे दुनिया में
कुछ बलायें थीं आसमानी भी।
मनसबे - दिल२ ख़ुशी लुटाना है
ग़मे-पिनहाँ३ की पासबानी भी।
दिल को शोलों से करती है सेराब
ज़िन्दगी आग भी है पानी भी।
शादकामों को ये नहीं तौफ़ीक़
दिले ग़मग़ीं की शादमानी भी।
लाख हुस्ने-यक़ीं से बढ़कर है
उन निगाहों की बदगुमानी भी।
तंगना-ए-दिले-मलूल४ में है
बह्रे-हस्ती की बेकरानी भी।
इश्क़े-नाकाम की है परछाईं
शादमानी भी, कामरानी भी।
देख दिल के निगारखाने में
जख़्में-पिनहाँ५ की है निशानी भी।
ख़ल्क़६ क्या-क्या मुझे नहीं कहती
कुछ सुनूँ मैं तेरी ज़बानी भी।
आये तारीख़े-इश्क़ में सौ बार
मौत के दौरे-दरम्यानी भी।
अपनी मासूमियों के पर्दे में
हो गयी वो नज़र सियानी भी।
दिन को सूरजमुखी है वो नौगुल
रात को है वो रातरानी भी।
दिले - बदनाम तेरे बारे में
लोग कहते हैं इक कहानी भी।
वज़्अ७ करते कोई नयी दुनिया
कि ये दुनिया हुई पुरानी भी।
दिल को आदाबे-बन्दगी८ भी न आये
कर गये लोग हुक्मरानी भी।
जौरे - कमकम का शुक्रिया बस है
आपकी इतनी मेह्रबानी भी।
दिल में इक हूक भी उठी ऐ दोस्त
याद आयी तेरी जवानी भी।
सर से पा तक सिपुर्दगी की अदा
एक अंदाजे-तुर्कमानी९ भी।
पास रहना किसी का रात की रात
मेहमानी भी मेज़बानी भी।
हो न अक्से - जबीने - नाज़ कि है
दिल में इक नूरे - कहकशानी भी।
ज़िन्दगी ऐन दीदे - यार ’फ़िराक़’
ज़िन्दगी हिज्र की कहानी भी।
शब्दार्थः
१- नाराज़गी, २- दिल का काम, ३- आन्तरिक दुख, ४- दुखी हृदय की सीमा, ५- आन्तरिक आहत, ६- दुनिया, ७- बनाते, ८- सेवाभाव, ९- तुर्को की अदा।
हाय, क्या चीज है जवानी भी
एक पैग़ामे-ज़िन्दगानी भी
आशिक़ी मर्गे-नागहानी भी।
इस अदा का तेरे जवाब नहीं
मेह्रबानी भी सरगरानी१ भी।
दिल को अपने भी ग़म थे दुनिया में
कुछ बलायें थीं आसमानी भी।
मनसबे - दिल२ ख़ुशी लुटाना है
ग़मे-पिनहाँ३ की पासबानी भी।
दिल को शोलों से करती है सेराब
ज़िन्दगी आग भी है पानी भी।
शादकामों को ये नहीं तौफ़ीक़
दिले ग़मग़ीं की शादमानी भी।
लाख हुस्ने-यक़ीं से बढ़कर है
उन निगाहों की बदगुमानी भी।
तंगना-ए-दिले-मलूल४ में है
बह्रे-हस्ती की बेकरानी भी।
इश्क़े-नाकाम की है परछाईं
शादमानी भी, कामरानी भी।
देख दिल के निगारखाने में
जख़्में-पिनहाँ५ की है निशानी भी।
ख़ल्क़६ क्या-क्या मुझे नहीं कहती
कुछ सुनूँ मैं तेरी ज़बानी भी।
आये तारीख़े-इश्क़ में सौ बार
मौत के दौरे-दरम्यानी भी।
अपनी मासूमियों के पर्दे में
हो गयी वो नज़र सियानी भी।
दिन को सूरजमुखी है वो नौगुल
रात को है वो रातरानी भी।
दिले - बदनाम तेरे बारे में
लोग कहते हैं इक कहानी भी।
वज़्अ७ करते कोई नयी दुनिया
कि ये दुनिया हुई पुरानी भी।
दिल को आदाबे-बन्दगी८ भी न आये
कर गये लोग हुक्मरानी भी।
जौरे - कमकम का शुक्रिया बस है
आपकी इतनी मेह्रबानी भी।
दिल में इक हूक भी उठी ऐ दोस्त
याद आयी तेरी जवानी भी।
सर से पा तक सिपुर्दगी की अदा
एक अंदाजे-तुर्कमानी९ भी।
पास रहना किसी का रात की रात
मेहमानी भी मेज़बानी भी।
हो न अक्से - जबीने - नाज़ कि है
दिल में इक नूरे - कहकशानी भी।
ज़िन्दगी ऐन दीदे - यार ’फ़िराक़’
ज़िन्दगी हिज्र की कहानी भी।
शब्दार्थः
१- नाराज़गी, २- दिल का काम, ३- आन्तरिक दुख, ४- दुखी हृदय की सीमा, ५- आन्तरिक आहत, ६- दुनिया, ७- बनाते, ८- सेवाभाव, ९- तुर्को की अदा।
एल्बम: फेवरिट्स
गायक: जगजीत सिंह
शायर: फिराक़ गोरखपुरी
Watch/Listen
on youtube:
Pictorial Presentation
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