Tum Ne Badle
Hum Se Gin Gin Ke Liye
Hum Ne Kya
Chaha Tha Is Din Ke Liye
Wasi Ka Din Aur
Itna Mukhtasar
Din Gine Jate
The Is Din Ke Liye
Who Nahin Sunte
Hamari Kay Karen
Mangte Hain Hum
Dua Jin Ke Liye
Chahne Walon Se
Gar Matlab Nahin
Aap Phir Paida
Huey Kin Ke Liye
Baghban Kaliyan
Hon Halke Rang Ki
Bhejani Hain Ek
Kamsin Ke Liye
Album: Face to Face (1994)
Singers: Jagjit Singh
Poet: Daagh Dehlvi
& Amir Meenai
तुम ने बदले हम से गिन गिन के लिये
हमने क्या चाहा था इस दिन के लिये - दाग़
वस्ल का दिन और इतना मुख़्तसर
दिन गिने जाते थे इस दिन के लिये - अमीर मीनाई
(वस्ल = मिलन), (मुख़्तसर = थोड़ा, कम, संक्षिप्त)
वो नहीं सुनते हमारी, क्या करें
माँगते हैं हम दुआ जिन के लिये - दाग़
चाहने वालों से गर मतलब नहीं
आप फिर पैदा हुए किन के लिये - दाग़
बाग़बाँ, कलियाँ हों हलके रंग की
भेजनी हैं एक कमसिन के लिये - अमीर मीनाई
(बाग़बाँ = माली)
एल्बम: फेस टू फेस (1994)
गायक: जगजीत सिंह
शायर: दाग़ देहलवी & अमीर मिनाई
Watch/Listen
on youtube:
Live Concert:
Raag Keherwa:
Full Ghazal by Amir Meenai performed by Ghulam Ali:
जब से बुलबुल तूने दो तिनके लिये
टूटती है बिजलियाँ इनके लिये
है जवानी ख़ुद जवानी का सिंगार
सादगी गहना है उस सिन के लिये
कौन वीराने में देखेगा बहार
फूल जंगल में खिले किनके लिये
सारी दुनिया के हैं वो मेरे सिवा
मैंने दुनिया छोड़ दी जिन के लिये
बाग़बाँ कलियाँ हों हल्के रंग की
भेजनी हैं एक कमसिन के लिये
वस्ल का दिन और इतना मुख़्तसर
दिन गिने जाते थे इस दिन के लिये
तुन्द मय और ऐसे कमसिन के लिये
साक़िया हल्की-सी ला इन के लिये
(तुन्द
= तीव्र, तेज)
मुझ से रुख़्सत हो मेरा अहद-ए-शबाब
या ख़ुदा रखना न उस दिन के लिये
(अहद-ए-शबाब
= यौवनकाल)
सब हसीं हैं ज़ाहिदों को नापसन्द
अब कोई हूर आयेगी इन के लिये
(ज़ाहिद
= संयमी, विरक्त, जप-तप
करने वाला)
लाश पर इबरत ये कहती है 'अमीर'
आये थे दुनिया में इस दिन के लिये
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें