Zindagi Tu Ne
Lahoo Le Ke Diya Kuchh Bhi Nahin
Tere Daman Main
Merey Waste Kya Kuchh Bhi Nahin
Merey In Hathon
Ki Chaho Totalashi Le Lo
Merey Hathon
Mein Lakeeron Ke Siwakuchh Bhi Nahin
Hum Ne Dekha
Hai Kaee Aise Khudaonko Yahan
Samene Jin Ke
Wo Sach Much Ka Khuda Kuchh Bhi Nahin
Ya Khuda Ab Ke
Yeh Kis Rang Mein Aee Hai Bahar
Zard Hi Zard
Hai Pedon Pe Hara Kuchh Bhi Nahin
Dil Bhi Ek Zid
Pe Ada Hai Kisi Bachche Ki Tarah
Ya To Sab Kuchh
Hi Isey Chahiye Ya Kuchh Bhi Nahin
Album: Face to Face (1994)
Singers: Jagjit Singh
Poet: Rajesh Reddy
ज़िन्दगी तूने लहू ले के दिया कुछ भी नहीं
तेरे दामन में मेरे वास्ते क्या कुछ भी नहीं
मेरे इन हाथों की चाहो तो तलाशी ले लो
मेरे हाथों में लकीरों के सिवा कुछ भी नहीं
हमने देखा है कई ऐसे ख़ुदाओं को यहाँ
सामने जिन के वो सचमुच का ख़ुदा कुछ भी नहीं
या ख़ुदा अब के ये किस रंग में आई है बहार
ज़र्द ही ज़र्द है पेड़ों पे हरा कुछ भी नहीं
दिल भी इक ज़िद पे अड़ा है किसी बच्चे की तरह
या तो सब कुछ ही इसे चाहिये या कुछ भी नहीं
तेरे दामन में मेरे वास्ते क्या कुछ भी नहीं
मेरे इन हाथों की चाहो तो तलाशी ले लो
मेरे हाथों में लकीरों के सिवा कुछ भी नहीं
हमने देखा है कई ऐसे ख़ुदाओं को यहाँ
सामने जिन के वो सचमुच का ख़ुदा कुछ भी नहीं
या ख़ुदा अब के ये किस रंग में आई है बहार
ज़र्द ही ज़र्द है पेड़ों पे हरा कुछ भी नहीं
दिल भी इक ज़िद पे अड़ा है किसी बच्चे की तरह
या तो सब कुछ ही इसे चाहिये या कुछ भी नहीं
एल्बम: फेस टू फेस (1994)
गायक: जगजीत सिंह
शायर: राजेश रेड्डी
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