सोमवार, 30 जून 2014

Sadma Hai Mujhe Bhi Ke Tujhse Juda Hoon Main


Sadma Hai Mujhe Bhi Ke Tujhse Juda Hoon Main,
Lekin Ye Sonchtaa Hoon Ke Ab Tera Kyaa Hoon Main


Bikhraa Pada Hai Tere Hi Ghar Mein Tera Wajood,
Bekaar Mehfilon Mein Tujhe Dhoondtaa Hoon Main


Naa Jaane Kis Adaa Se Liya Toone Mera Naam,
Duniya Samajh Rahee Hai Ke Sab Kuch Tera Hoon Main


Le Mere Tajurbon Se Sabak Ae Mere Raqeeb,
Do Chaar Saal Umr Mein Tujhse Bada Hoon Main

  Lyricist: Qatil Shifai

सदमा तो है मुझे भी कि तुझसे जुदा हूँ मैं
लेकिन ये सोचता हूँ कि अब तेरा क्या हूँ मैं

बिखरा पडा है तेरे ही घर में तेरा वजूद
बेकार महफिलों में तुझे ढूंढता हूँ मैं

ना जाने किस अदा से लिया तूने मेरा नाम
दुनिया समझ रही है के सब कुछ तेरा हूँ मैं

ले मेरे तजुर्बों से सबक ऐ मेरे रकीब
दो चार साल उम्र में तुझसे बड़ा हूँ मैं

 
Extra lines of the creations those are 
not sung by Jagjit Singh:-

खुदकशी के जुर्म का करता हूँ ऐतराफ़
अपने बदन की कब्र में कबसे गड़ा हूँ मैं
 
किस-किसका नाम लू ज़बान पर की तेरे साथ
हर रोज़ एक शख्स नया देखता हूँ मैं
 
जागा हुआ ज़मीर वो आईना है 'क़तील'
सोने से पहले रोज़ जिसे देखता हूँ मैं

गीतकार: कतील शिफाई
Watch/Listen on Youtube-
Jagjit Singh

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