Aye Khuda Ret
Ke Sehra Ko Samandar Kar De,
Yah Chalakti
Huyi Aakho Ko Bhi Pathar Kar De,
Tujh Ko Dekha
Nahi, Mehsus Kiya Hai Maine,
Aa Kisi Din
Mere Ahsaas Ko Paykar Kar De,
Aur Kuch Dare
Mujhe, Darkar Nahi Hai Lakin,
Meri Chadar
Mere Payro Ke, Barabar Kar De
Album: FAVORITS
Singers: Jagjit Singh
Poet: Shahid Meer
ऐ ख़ुदा रेत के सहरा को समंदर कर दे
या छलकती हुई आँखों को भी पत्थर कर दे
तुझ को देखा नहीं महसूस किया है मैं ने
आ किसी दिन मिरे एहसास को पैकर कर दे
क़ैद होने से रहीं नींद की चंचल परियाँ
चाहे जितना भी ग़िलाफों को मोअत्तर कर दे
दिल लुभाते हुए ख़्वाबों से कहीं बेहतर है
एक आँसू कि जो आँखों को मुनव्वर कर दे
और कुछ भी मुझे दरकार नहीं है लेकिन
मेरी चादर मिरे पैरों के बराबर कर दे
या छलकती हुई आँखों को भी पत्थर कर दे
तुझ को देखा नहीं महसूस किया है मैं ने
आ किसी दिन मिरे एहसास को पैकर कर दे
क़ैद होने से रहीं नींद की चंचल परियाँ
चाहे जितना भी ग़िलाफों को मोअत्तर कर दे
दिल लुभाते हुए ख़्वाबों से कहीं बेहतर है
एक आँसू कि जो आँखों को मुनव्वर कर दे
और कुछ भी मुझे दरकार नहीं है लेकिन
मेरी चादर मिरे पैरों के बराबर कर दे
एल्बम: फेवरिट्स
गायक: जगजीत सिंह
शायर: शाहिद मीर
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on youtube:
Pictorial Presentation
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