Hum Hi Mein
Thee Na Koi Baat, Yaad Hi Na Tumko Aa Sake
Tumnay Hamein
Bhula Diya Hum Na Tumhe Bhula Sake
Tum Hi Na Sun
Sake Agar Kissa-e-gham Sunega Kaun
Kis Ki Zubaan
Khulegi Phir Hum Na Agar Suna Sake
Shauk-e-visaal
Hain Yahan Lab Pe Sawaal Hai Yahan
Kis Ki Majaal
Hai Yahan Hum Se Nazar Mila Sake
Album: FAVORITS
Singers: Jagjit Singh
Poet: Hafiz
Jalandhari
हम ही में थी न कोई बात, याद न तुम को आ सके
तुमने हमें भुला दिया, हम न तुम्हें भुला सके
तुम ही न सुन सके अगर, क़िस्सा-ए-ग़म सुनेगा कौन
किस की ज़ुबाँ खुलेगी फिर, हम न अगर सुना सके
होश में आ चुके थे हम, जोश में आ चुके थे हम
बज़्म का रंग देख कर सर न मगर उठा सके
शौक़-ए-विसाल है यहाँ, लब पे सवाल है यहाँ
किस की मजाल है यहाँ, हम से नज़र मिला सके
रौनक़-ए-बज़्म बन गए लब पे हिकायतें रहीं
दिल में शिकायतेन रहीं लब न मगर हिला सके
ऐसा भी कोई नामाबर बात पे कान धर सके
सुन कर यकीन कर सके जा के उंहें सुना सके
अहल-ए-ज़बाँ तो हैं बहुत कोई नहीं है अहल-ए-दिल
कौन तेरी तरह 'हफ़ीज़' दर्द के गीत गा सके
एल्बम: फेवरिट्स
गायक: जगजीत सिंह
शायर: हफ़ीज़ जालंधरी
Watch/Listen
on youtube:
By- Jagjit Singh and Chitra Singh
By- Jagjit Singh (SOLO)
By- Mehadi Hassan
By- Shilpa Raj
Pictorial Presentation:
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें