Kisko Qaatil
Main Kahoon Kisko Maseehaa Samajhoon
Sab Yahaan Dost
Hee Baithe Hain Kise Kya Samajhoon
Wo Bhi Kya Din
The Ke Har Vaham Yakeen Hota Tha
Ab Haqeekat
Nazar Aaye To Use Kya Samajhoon
Dil Jo Tootaa
To Kai Haath Duaa Ko Utthe
Aise Mahaul
Mein Ab Kis'ko Paraayaa Samajhoon
Zulm Ye Hai Ke
Hai Yaqtaa Teri Beganaaravee
Lutf Ye Hai Ke
Main Ab Tak Tujhe Apana Samajhoon
Album: FAVORITS,
SAJDA (1991)
Singers: Jagjit Singh
Poet: Ahmad Nadeem
Qasmi
किस को क़ातिल मैं कहूँ किस को मसीहा समझूँ
सब यहां दोस्त ही बैठे हैं किसे क्या समझूँ
वो भी क्या दिन थे की हर वहम यकीं होता था
अब हक़ीक़त नज़र आए तो उसे क्या समझूँ
दिल जो टूटा तो कई हाथ दुआ को उठे
ऐसे माहौल में अब किस को पराया समझूँ
ज़ुल्म ये है कि है यक्ता तेरी बेगानारवी
लुत्फ़ ये है कि मैं अब तक तुझे अपना समझूँ
एल्बम: फेवरिट्स, सजदा (1991)
गायक: जगजीत सिंह
शायर: अहमद नदीम क़ासमी
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