Khudaa Humko
Aisee Khudaayee Na De
Ke Apne Siwa
Kuchch Dikhaayee Na De
Khatawaar
Samjhegee Duniyaan Tujhe
Ke Itnee
Ziyaada Safaayee Na De
Hanso Aaj Itnaa
Ke Is Shor Mein
Sada Siskiyon
Ki Sunaayee Na De
Abhi To Badan
Mein Lahoo Hai Bahot
Kalam Cheen Le
Roshnaayee Na De
Khuda Aise
Ehsaas Ka Naam Hai
Rahe Saamne Aur
Dikhayee Na De
Album: FAVORITS
Singer: Chitra Singh
Music: Jagjit Singh
Poet: Bashir Badr
ख़ुदा हम को ऐसी ख़ुदाई न दे
कि अपने सिवा कुछ दिखाई न दे
ख़तावार समझेगी दुनिया तुझे
अब इतनी भी ज़्यादा सफ़ाई न दे
हँसो आज इतना कि इस शोर में
सदा सिसकियों की सुनाई न दे
अभी तो बदन में लहू है बहुत
कलम छीन ले रोशनाई न दे
मुझे अपनी चादर से यूँ ढाँप लो
ज़मीं आसमाँ कुछ दिखाई न दे
ग़ुलामी को बरकत समझने लगें
असीरों को ऐसी रिहाई न दे
मुझे ऐसी जन्नत नहीं चाहिए
जहाँ से मदीना दिखाई न दे
मैं अश्कों से नाम-ए-मुहम्मद लिखूँ
क़लम छीन ले रोशनाई न दे
ख़ुदा ऐसे इरफ़ान का नाम है
रहे सामने और दिखाई न दे
कि अपने सिवा कुछ दिखाई न दे
ख़तावार समझेगी दुनिया तुझे
अब इतनी भी ज़्यादा सफ़ाई न दे
हँसो आज इतना कि इस शोर में
सदा सिसकियों की सुनाई न दे
अभी तो बदन में लहू है बहुत
कलम छीन ले रोशनाई न दे
मुझे अपनी चादर से यूँ ढाँप लो
ज़मीं आसमाँ कुछ दिखाई न दे
ग़ुलामी को बरकत समझने लगें
असीरों को ऐसी रिहाई न दे
मुझे ऐसी जन्नत नहीं चाहिए
जहाँ से मदीना दिखाई न दे
मैं अश्कों से नाम-ए-मुहम्मद लिखूँ
क़लम छीन ले रोशनाई न दे
ख़ुदा ऐसे इरफ़ान का नाम है
रहे सामने और दिखाई न दे
एल्बम: फेवरिट्स
गायक: चित्रा सिंह
संगीत: जगजीत सिंह
शायर: बशीर बद्र
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By- Chitra Singh
By - Masood Khan, Sheelo khan
Pictorial Presentation:
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