Kabhi Khamosh Baithogi, Kabhi Kuchh Gungunaaogi
Main Utna Yaad Aaoonga, Mujhe Jitna Bhulaaogi
Koi Jab Poochh Baithega, Khamoshi Kaa Sabab Tumse
Bahot Samajahna Chaahogi, Magar Samjhaa Na Paogee
Kabhi Duniya Mukkammal Banake, Aayengi Nigaahon Mein
Kabhi Meri Kami Duniya Ki, Har Ek Shey Mein Paaogi
Kahin Par Bhee Rahen Hum Tum Mohabbat Fir Mohabbat Hai
Tumhe Hum Yaad Aayenge, Hamen Tum Yaad Aaogee
Album: Love Is Blind
Singers: Jagjit Singh
Lyricist: Nazeer Banarasi
कभी ख़ामोश बैठोगे कभी कुछ गुनगुनाओगे
मैं उतना याद आऊँगा मुझे जितना भुलाओगे
कोई जब पूछ बैठेगा ख़ामोशी का सबब तुमसे
बहुत समझाना चाहोगे मगर समझा ना पाओगे
सबब - कारण
कभी दुनिया मुक्कमल बन के आएगी निगाहों में
कभी मेरे कमी दुनिया की हर इक शै में पाओगे
मुक्कमल - पूर्ण
शै - वस्तु, पदार्थ, चीज़
कहीं पर भी रहें हम तुम मुहब्बत फिर मुहब्बत है
तुम्हें हम याद आयेंगे हमें तुम याद आओगे
एल्बम: लव इज ब्लाइंड
गायक: जगजीत सिंह
शायर: नज़ीर बनारसी
Watch/Listen on youtube: Pictorial Presentation
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें