गुरुवार, 2 फ़रवरी 2017

Woh Firaaq Aur Woh Wisaal Kahaan


Woh Firaaq Aur Woh Wisaal Kahaan?
Woh Shab-o-roz-o-maah-o-saal Kahaan?

Thee Woh Ik Shakhs Ke Tasavvur Se;
Ab Woh Raanaai-e-khayaal Kahaan?

Aisa Aasaan Naheen Lahoo Rona;
Dil Mein Taaqat Jigar Mein Haal Kahaan?

Fikr-e-duniyaan Mein Sar Khapaata Hoon;
Main Kahaan Aur Ye Wabaal Kahaan?
Album: Mirza Ghalib
Singers: Jagjit Singh
Lyricist: Mirza Ghalib
वो फ़िराक़ और वो विसाल कहाँ;
वो शब-ओ-रोज़-ओ-माह-ओ-साल कहाँ?

फ़ुर्सत-ए-कारोबार-ए-शौक़ किसे;
जौक़-ए-नज़्ज़ारा-ए-जमाल कहाँ!

दिल तो दिल वो दिमाग़ भी न रहा;
शोर-ए-सौदा-ए-ख़त्त-ओ-ख़ाल कहाँ!

थी वो इक शख्स के तसव्वुर से;
अब वो रानाई-ए-ख़याल कहाँ?

ऐसा आसां नहीं लहू रोना;
दिल में ताक़त जिगर में हाल कहाँ?

हमसे छूटा क़िमारख़ाना-ए-इश्क़;
वां जो जावें, गिरह में माल कहाँ?

फ़िक्र-ए-दुनिया में सर खपाता हूँ;
मैं कहाँ और ये वबाल कहाँ?

मुज़्मंहिल हो गये क़ुवा "ग़ालिब";
वो अ़नासिर में एतदाल कहाँ?
एल्बम: मिर्ज़ा ग़ालिब
गायक: जगजीत सिंह
शायर: मिर्ज़ा ग़ालिब
Watch/Listen on youtube: Pictorial Presentation

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