Ek Parvaaz Dikhaai Di Hai
Teri Aawaz Sunayee De Rahi Hai
Jiski Aankhon Mein Kati Thi Sadiyaan
Usne Sadiyon Ki Judayee Di Hai
Sirf Ik Safha Palat Kar Usne
Beeti Baaton Ki Safaayee Di Hai
Fir Wahin Lautke Jaana Hoga
Yaar Ne Kaisi Rihayee Di Hai
Aag Ne Kya Kya Jalayaa Hai Shavpar
Kitni Khushrang Dikhayee Di Hai
Album: MARASIM
Singers: Jagjit Singh
Poet: Gulzar
एक परवाज़ दिखाई दी है;
तेरी आवाज़ सुनाई दी है!
जिसकी आँखों में कटी थीं सदियाँ;
उसने सदियों की जुदाई दी है!
सिर्फ एक सफहा पलट कर उसने;
सारी बातों की सफाई दी है!
फिर वहीँ लौट के जाना होगा;
यार ने ऐसी रिहाई दी है!
आग ने क्या-क्या जलाया है शब भर;
कितनी ख़ुश रंग दिखाई दी है!
एल्बम: मरासिम
गायक: जगजीत सिंह
शायर: गुलज़ार
Watch/Listen on youtube: Pictorial Presentation
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