Utha Surahi Yeh Shisha-o-jaam Le Saki
Phir Iske Baad Khuda Ka Bhi Naam La Saki
Phir Iske Baad Hame Tishnagi Rahe Na Rahe
Kuch Aur Dare Muravat Se Kaam Le Saki
Phir Iske Baad Jo Hoga Wo Dekha Jayega
Abhi To Peene Pelane Se Kaam Le Saki
Tere Hajur Mein Hosh-o-khird Se Kya Hasil
Nahi Hai Mye To Nigaho Se Kaam Le Saki
Album: FAVORITS
Singers: Jagjit Singh
Poet: Kunwar Mohinder Singh Bedi 'Sahar'
उठा सुराही ये शीशा-ओ-जाम ले साक़ी
फिर इसके बाद ख़ुदा का भी नाम ले साक़ी
फिर इसके बाद हमे तिश्नगी रहे न रहे
कुछ और देर मुरव्वत से काम ले साक़ी
तिश्नगी - प्यास, मुरव्वत संकोच, लिहाज;
फिर इसके बाद जो होगा वो देखा जाएगा
अभी तो पीने पिलाने से काम ले साक़ी
तेरे हुज़ूर में होश-ओ-ख़िरद से क्या हासिल
नहीं है मय तो निगाहों से काम ले साक़ी
होश-ओ-ख़िरद - बुद्धि और अक्ल;
एल्बम: फेवरिट्स
गायक: जगजीत सिंह
शायर: कुँवर मोहिन्दर सिंह बेदी 'सहर'
Watch/Listen on youtube: Pictorial Presentation
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें