मंगलवार, 24 जनवरी 2017

In Ashako Ko Pani Kehna Bhool Nahi Nadani Hai




In Ashako Ko Pani Kehna
Bhool Nahi Nadani Hai
Tan Man Mein Jo Aag Lagade
Yeh To Aysa Pani Hai
Kaise Tum Se Ishq Hua Tha
Kya Kya Hum Par Biti Hai
Sun Lo To Sacha Afsana
Warna Ek Khani Hai
Shaekh-o-brhaman, Jahid-o-waiz
Piri Mein Yeh Kya Jane
Bhool Bhi Ho Jati Hai Isme
Ishq Mein Lazami Hai Yeh 'sehar'
Dil Wale Ho Maat Ghbrao
Yeh To Reet Purani Hai
Album: FAVORITS
Singers: Jagjit Singh
Poet: Kunwar Mohinder Singh Bedi 'Sahar'
इन अश्कों को पानी कहना भूल नहीं नादानी है;
तन मन में जो आग लगा दे ये तो ऐसा पानी है!
कैसे तुमसे इश्क़ हुआ था क्या क्या हम पर बीती है;
सुन लो तो सच्चा अफ़साना वर्ना एक कहानी है!
शेख़-ओ-बरहमन, ज़ाहिद-ओ-वाइज़, पीरी में ये क्या जाने;
भूल भी हो जाती है इसमें, इसका नाम जवानी है!
शेख़ – धर्माचार्य; ज़ाहिद - संयमी,
 विरक्त, जप-तप करने वाला;
वाइज़ – धर्मोपदेशक;
पीरी - वृद्धावस्था, बुढ़ापा;
दुःख सुख सहना और ख़ुश रहना, इश्क़ में लाज़िम है ये 'सहर';
दिल वाले हो मत घबराओ, ये तो रीत पुरानी है!
लाज़िम - आवश्यक;
एल्बम: फेवरिट्स
गायक: जगजीत सिंह
शायर: कुँवर मोहिन्दर सिंह बेदी 'सहर'
Watch/Listen on youtube: Pictorial Presentation



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