Kabhi Guncha Kabhi Shola Kabhi Shabnam Ki Tarah,
Log Milte Hain Badalte Huye Mausam Ki Tarah
Mere Mehboob Mere Pyaar Ko Ilzaam Na De,
Hijr Mein Eed Manaayee Hai Moharrum Ki Tarah
Maine Khushboo Kee Tarah Tujhko Kiya Hai Mehsoos,
Dil Ne Chheda Hai Teri Yaad Ko Shabnam Ki Tarah
Kaise Ham-dard Ho Tum Kaisi Masihaayi Hai,
Dil Pe Nashtar Bhi Lagaate Ho To Marham Ki Tarah
कभी गुंचा कभी शोला कभी शबनम की तरह,
लोग मिलते हैं बदलते हुए मौसम की तरह,
लोग मिलते हैं बदलते हुए मौसम की तरह,
मेरे महबूब मेरे प्यार को इलज़ाम न दे,
हिज्र में ईद मनाई है मुहर्रम की तरह,
हिज्र में ईद मनाई है मुहर्रम की तरह,
मैंने खुशबू की तरह तुझको किया है महसूस,
दिल ने छेड़ा है तेरी याद को शबनम की तरह,
कैसे हमदर्द हो तुम कैसी मसीहाई है,दिल ने छेड़ा है तेरी याद को शबनम की तरह,
दिल पे नश्तर भी लगाते हो तो मरहम की तरह..
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Jagjit Singh
Jagjit Singh Live (18 Minute)
Atif Aslam
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