Socha Nahin Achcha Bura Dekha Suna Kuch Bhi Nahin,
Maanga Khuda Se Raat Din Tere Siwa Kuch Bhi Nahin
Dekha Tujhe Socha Tujhe Chaaha Tujhe Pooja Tujhe,
Meri Khata Meri Wafa Teri Khata Kuch Bhi Nahin
Jis par Hamari Aankh Ne Moti Bichchaaye Raat Bhar,
Bheja Wohi Kaagaz Tujhe Humne Likha Kuch Bhi Nahin
Ek Shaam Ki Dahleez Par Baithe Rahe Wo Der Taq,
Aankhon Se Kee Baaten Bahot Humne Kaha Kuch Bhi Nahin
Lyrics: Basir Badr
सोचा नहीं अच्छा बुरा , देखा सुना कुछ भी नहीं !
माँगा खुदा से हर वक़्त , तेरे सिवा कुछ भी नहीं !!
देखा तुझे चाहा तुझे , सोंचा तुझे पूजा तुझे !
मेरी वफ़ा मेरी खता , तेरी खता कुछ भी नहीं !!
मेरी वफ़ा मेरी खता , तेरी खता कुछ भी नहीं !!
जिस पर हमारी आँख ने , मोती बिछाए रात भर !
भेजा वो ही कागज़ उसे , हम ने लिखा कुछ भी नहीं !!
भेजा वो ही कागज़ उसे , हम ने लिखा कुछ भी नहीं !!
और एक शाम की देहलीज़ पर , बैठे रहे वो देर तक !
आँखों से की बातें बहुत , मुहं से कहा कुछ भी नहीं !!
आँखों से की बातें बहुत , मुहं से कहा कुछ भी नहीं !!
दो - चार दिन की बात है , दिल ख़ाक मे मिल जायेगा !
आग पर जब कागज़ रखा , बाकी बचा कुछ भी नहीं !
शायर: बशीर बद्रआग पर जब कागज़ रखा , बाकी बचा कुछ भी नहीं !
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Jagjit Singh/Chitra Singh
Ysmuthyqui_gi Laurie Traub Crack
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