Aisa Lagta Hai Zindagi Tum Ho
Ajnabee Kaise Ajnabee Tum Ho
Ab Koi Aarzoo Nahin Baki
Justjoo Meri Aakhri Tum Ho
Main Zameen Par Ghana Andhera Hun
Aasmaanon Ki Chandni Tum Ho
Doston Se Wafa Ki Ummeeden
Kis Zamaane Ke Aadmi Tum Ho
Lyrics: BASHIR BADR
ऐसा लगता है जिंदगी तुम हो,
अजनबी जैसे अजनबी तुम हो।
अब कोई आरज़ू नहीं बाकी,
जुस्तजू मेरी आखिरी तुम हो।
मैं ज़मीन पर घना अँधेरा हूँ,
आसमानों की चांदनी तुम हो।
दोस्तों से वफ़ा की उम्मीदें,
किस ज़माने के आदमी तुम हो।
अजनबी जैसे अजनबी तुम हो।
अब कोई आरज़ू नहीं बाकी,
जुस्तजू मेरी आखिरी तुम हो।
मैं ज़मीन पर घना अँधेरा हूँ,
आसमानों की चांदनी तुम हो।
दोस्तों से वफ़ा की उम्मीदें,
किस ज़माने के आदमी तुम हो।
शायर: बशीर बद्र
*****Also in:
Album: Echoes (1986)
An Evening with Jagjit Singh and Chitra Singh (Live)
Listen/watch on Youtube:
Chitra Singh
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