Apna Gham Le Ke Kahin Aur Na Jaaya Na Jaye
Ghar Mein Bikhri Huee Cheezon Ko Sajaaya Jaye
Jin Chiragon Ko Hawaon Ka Koi Khauf Nahin
Un Chiragon Ko Hawaon Se Bachaya Jaye
Baag Mein Jaanay Ke Aadaab Hua Karte Hain
Kisi Titlee Ko Na Phoolon Say Udaya Jaye
Ghar Se Masjid Hai Bahut Door Chalo Yun Kar Le
Kisi Rote Huye Bachay Ko Hansaya Jaye
Album: Insight (1994)
By: Jagjit Singh
Lyrics: Nida Fazli
अपना ग़म लेके कहीं और न जाया जाये
घर में बिखरी हुई चीज़ों को सजाया जाये
जिन चिराग़ों को हवाओं का कोई ख़ौफ़ नहीं
उन चिराग़ों को हवाओं से बचाया जाये
बाग में जाने के आदाब हुआ करते हैं
किसी तितली को न फूलों से उड़ाया जाये
घर से मस्जिद है बहुत दूर चलो यूँ कर लें
किसी रोते हुए बच्चे को हँसाया जाये
घर में बिखरी हुई चीज़ों को सजाया जाये
जिन चिराग़ों को हवाओं का कोई ख़ौफ़ नहीं
उन चिराग़ों को हवाओं से बचाया जाये
बाग में जाने के आदाब हुआ करते हैं
किसी तितली को न फूलों से उड़ाया जाये
घर से मस्जिद है बहुत दूर चलो यूँ कर लें
किसी रोते हुए बच्चे को हँसाया जाये
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By: Jagjit Singh
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