Badalaa Na Apane Aap Ko Jo The Vahi Rahe
Milate Rahe Sabhi Se Magar Ajanabi Rahe
Duniya Na Jiit Paao To Haro Na Khud Ko Tum
Thodi Bahut To Zahan Men Narazgi Rahe
Apani Tarah Sabhi Ko Kisi Ki Talash Thi
Ham Jisake Bhi Qarib Rahe Dur Hi Rahe
Guzaro Jo Baag Se To Dua Mangate Chalo
Jisamen Khile Hain Phool Vo Daalii Hari Rah
Album: Insight (1994)
By: Jagjit Singh
Lyrics: Nida Fazli
बदला न अपने आपको जो थे वही रहे
मिलते रहे सभी से मगर अजनबी रहे
दुनिया न जीत पाओ तो हारो न ख़ुद को तुम
थोड़ी बहुत तो ज़हन में नाराज़गी रहे
अपनी तरह सभी को किसी की तलाश थी
हम जिसके भी क़रीब रहे दूर ही रहे
गुज़रो जो बाग़ से तो दुआ माँगते चलो
जिसमें खिले हैं फूल वो डाली हरी रहे
हर वक़्त हर मकाम पे हँसना मुहाल है
रोने के वास्ते भी कोई बेकली रहे
मिलते रहे सभी से मगर अजनबी रहे
दुनिया न जीत पाओ तो हारो न ख़ुद को तुम
थोड़ी बहुत तो ज़हन में नाराज़गी रहे
अपनी तरह सभी को किसी की तलाश थी
हम जिसके भी क़रीब रहे दूर ही रहे
गुज़रो जो बाग़ से तो दुआ माँगते चलो
जिसमें खिले हैं फूल वो डाली हरी रहे
हर वक़्त हर मकाम पे हँसना मुहाल है
रोने के वास्ते भी कोई बेकली रहे
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By: Jagjit Singh
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