Apne Chechre Se Jo Zaahir Hai Chupaayen Kaise
Teri Marzi Ke Mutaabik Nazar Aayen Kaise
Ghar Sajaane Ka Tasawwur Bahut Baad Ka Hai
Pehle Ye Tay Ho Ke Is Ghar Ko Bachchayen Kaise
Kar Kaha Aankh Ka Bartaav Badal Deta Hai
Hansne Waale Tujhe Aansoo Nazar Aayen Kaise
Koi Apnee Hi Nazar Se To Hume Dekhega
Ek Qatre Ko Samandar Nazar Aayen Kaise
Album: Cry for Cry (1995)
By: Jagjit Singh
Lyrics: Waseem Barelvi
अपने चेहरे से जो ज़ाहिर है छुपायें कैसे
तेरी मर्ज़ी के मुताबिक नज़र आयें कैसे
घर सजाने का तस्सवुर तो बहुत बाद का है
पहले ये तय हो कि इस घर को बचायें कैसे
क़हक़हा आँख का बर्ताव बदल देता है
हँसने वाले तुझे आँसू नज़र आयें कैसे
कोई अपनी ही नज़र से तो हमें देखेगा
एक क़तरे को समुन्दर नज़र आयें कैसे
तेरी मर्ज़ी के मुताबिक नज़र आयें कैसे
घर सजाने का तस्सवुर तो बहुत बाद का है
पहले ये तय हो कि इस घर को बचायें कैसे
क़हक़हा आँख का बर्ताव बदल देता है
हँसने वाले तुझे आँसू नज़र आयें कैसे
कोई अपनी ही नज़र से तो हमें देखेगा
एक क़तरे को समुन्दर नज़र आयें कैसे
Listen on YOUTUBE.Com
By: Jagjit Singh
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें