Wasl Ki Raat To, Rahat Se Basar Hone Do,
Sham Hi Se Hai, Ye Dhamki Ke Saher Hone Do,
Jisne Ye Dard Diya Hai, Who Dawa Bhi Dega,
La Gawah Hai Jo Mera, Darde Jigar Hone Do,
Jikra Rukhsat Ka, Abhi Se Na Karo, Baitho Bhi,
Janeman Raat Gujarne Do, Saher Hone Do,
Wasle Dushman Ki Khabar, Mujhse Abhi Kuch Na Kaho,
Jara Thero Mujhe Apni To, Khabar Hone Do,
Album: Eternity (1978)
By: Jagjit Singh
Lyrics: Qateel Shifai
वस्ल की रात तो राहत से बसर होने दो
शाम ही से है ये धमकी के सहर होने दो
जिसने ये दर्द दिया है वो दवा भी देगा
लादवा है जो मेरा दर्द-ए-जिगर होने दो
शाम ही से है ये धमकी के सहर होने दो
जिसने ये दर्द दिया है वो दवा भी देगा
लादवा है जो मेरा दर्द-ए-जिगर होने दो
लादवा - लाइलाज
ज़िक्र रुख़सत का अभी से न करो बैठो भी
जान-ए-मन रात गुज़रने दो सहर होने दो
वस्ल-ए-दुश्मन की ख़बर मुझसे अभी कुछ ना कहो
ठहरो-ठहरो मुझे अपनी तो ख़बर होने दो
जान-ए-मन रात गुज़रने दो सहर होने दो
वस्ल-ए-दुश्मन की ख़बर मुझसे अभी कुछ ना कहो
ठहरो-ठहरो मुझे अपनी तो ख़बर होने दो
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By: Jagjit Singh
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