Har Gosha Gulistan Tha, Kal Raat Jahan Main Tha,
Ek Jashne Bahara Tha, Kal Raat Jahan Main Tha
Nagme They Hawao Mein, Jadu Tha Phijao Mein,
Har Saans Ghazal Ka Tha, Kal Raat Jahan Main Tha,
Dariya - E - Mohabat, Kasti Thi Jawani Thi,
Jasbat Ka Tufan Tha, Kal Raat Jahan Main Tha,
Mehtab Tha Baho Mein, Jalwe They Nigaho Mein,
Har Sin Pe Chiraga Tha, Kal Raat Jahan Main Tha,
They Chand Ke Saaye, Pehre Ghani Julfo Ke,
Aur Husn Nigeban Tha, Kal Raat Jahan Main Tha,
Khalid Yeh Haqikat Hai, Na Karda Gunaho Ki,
Mein Khub Pashema Tha, Kal Raat Jahan Main Tha,
Album: Eternity (1978)
By: Jagjit Singh
Lyrics: Khalid Kuwaitvi
हर गोशा गुलिस्ताँ था कल रात जहाँ मैं था
इक जश्न-ए-बहाराँ था कल रात जहाँ मैं था
हर साँस ग़ज़लख्वाँ था कल रात जहाँ मैं था
दरिया-ए-मोहब्बत में कश्ती थी जवानी की
जज़्बात का तूफाँ था कल रात जहाँ मैं था
महताब था बाहों में जलवे थे निगाहों में
हर सिम्त चरागाँ था कल रात जहाँ मैं था
'ख़ालिद' ये हक़ीक़त है नाकर्दा गुनाहों की
मैं ख़ूब पशेमाँ था कल रात जहाँ मैं था
इक जश्न-ए-बहाराँ था कल रात जहाँ मैं था
गोशा = कोना/दिशा
नग़में थे हवाओं में जादू था फ़िज़ाओं मेंहर साँस ग़ज़लख्वाँ था कल रात जहाँ मैं था
दरिया-ए-मोहब्बत में कश्ती थी जवानी की
जज़्बात का तूफाँ था कल रात जहाँ मैं था
महताब था बाहों में जलवे थे निगाहों में
हर सिम्त चरागाँ था कल रात जहाँ मैं था
'ख़ालिद' ये हक़ीक़त है नाकर्दा गुनाहों की
मैं ख़ूब पशेमाँ था कल रात जहाँ मैं था
नाकर्दा = ना किया हुआ
पशेमाँ = लज्जित/पश्चाताप
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By: Jagjit Singh
Jagjit Singh in Live Consert
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