Tumne Sooli Pe Latakte Jise Dekha Hoga
Waqt Aayega Wahi Shaksh Maseeha Hoga
Khwaab Dekha Thaa Ke Sehra Mein Basera Hoga
Kyaa Khabar Thi Ke Yahi Khwaab To Sachcha Hoga
Main Fizaaon Mein Bikhar Jaaoonga Khushboo Bankar
Rang Hoga Na Badan Hoga Na Chehra Hoga
Album:
Ecstasies (1984)
By:
Jagjit Singh and Chitra Singh
Lyrics:Sahir Hoshiarpuri
तुमने सूली पे लटकते
जिसे देखा होगा,
वक्त आएगा वही शक्श मसीहा होगा,
ख्वाब देखा था के सेहरा में बसेरा होगा,
क्या ख़बर थी के यही ख्वाब तो सच्चा होगा,
मैं फ़िज़ाओं में बिखर जाऊंगा खुशबू बनकर,
रंग होगा न बदन होगा न चेहरा होगा,
वक्त आएगा वही शक्श मसीहा होगा,
ख्वाब देखा था के सेहरा में बसेरा होगा,
क्या ख़बर थी के यही ख्वाब तो सच्चा होगा,
मैं फ़िज़ाओं में बिखर जाऊंगा खुशबू बनकर,
रंग होगा न बदन होगा न चेहरा होगा,
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By:
Jagjit Singh
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