Huzuur Aap Kaa Bhii Ehataraam Karataa Chaluun
Idhar Se Guzaraa Thaa Sochaa Salaam Karataa Chaluun
Nigaah-e-dil Kii Aakhirii Yahii Tamannaa Hai
Tumhaarii Zulfo.n Ke Saaye Men Shaam Karataa Chaluun
Unhen Ye Zid Ki Mujhe Dekh Kar Kisii Ko Na Dekh
Meraa Ye Shauq Ki Sab Se Salaam Karataa Chaluun
Ye Mere Khvaabo.n Kii Duniyaa Nahiin, Sahii Lekin
Ab Aa Gayaa Huu.n To Do Din Kayaam Karataa Chaluun
Album: Echoes (1986)
By: Chitra Singh
Lyrics: Shadaab
हुज़ूर आपका भी एहतराम
करता चलूँ
इधर से गुज़रा था सोचा सलाम करता चलूँ
इधर से गुज़रा था सोचा सलाम करता चलूँ
निगाह-ओ-दिल की यही आखरी तमन्ना है
तुम्हारी जुल्फ के साए में शाम करता चलूँ
तुम्हारी जुल्फ के साए में शाम करता चलूँ
उन्हें ये जिद कि मुझे देख कर किसी को न
देख
मेरा ये शौक के सबसे कलाम करता चलूँ
ये मेरे ख्वाबों की दुनिया नहीं सही लेकिन
अब आ गया हूँ तो दो दिन कयाम करता चलूँ
मेरा ये शौक के सबसे कलाम करता चलूँ
ये मेरे ख्वाबों की दुनिया नहीं सही लेकिन
अब आ गया हूँ तो दो दिन कयाम करता चलूँ
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By: Jagjit Singh
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