Ek Dewane Ko Yeh Aaye Hain, Samjhane Kayee,
Pahle Main Dewana Tha, Aur Ab Hai Dewane Kayi,
Mujh Ko Chup Rehna Pada, Bas Aap Ka Muh Dekh Kar,
Warna Mehfil Mein To, Mere Jane Pehchane Kayi,
Ek Hi Pathar Lage Hai, Har Ebadat Ka Hame,
Ghad Liye Hai Ek But Ke, Sabne Afsane Kayi,
Main Wo Kashi Ka Musalma Hu, Ke Jis Ke Aye Lagi,
Apne Ghere Mein Liye Rehte Hai, But Khane Kayi
Album: Eternity (1978)
By: Jagjit Singh
Lyrics: Najeer Banarasi
एक दीवाने को ये आए हैं समझाने कई
पहले मैं दीवाना था और अब हैं दीवाने कई
मुझको चुप रहना पड़ा बस आप का मुँह देखकर
वरना महफ़िल में थे मेरे जाने पहचाने कई
एक ही पत्थर लगे है हर इबादतगाह में
गढ़ लिये हैं एक ही बुत के सबने अफ़साने कई
मैं वो काशी का मुसलमाँ हूँ के जिसको ऐ ‘नज़ीर’
अपने घेरे में लिये रहते हैं बुतख़ाने कई
पहले मैं दीवाना था और अब हैं दीवाने कई
मुझको चुप रहना पड़ा बस आप का मुँह देखकर
वरना महफ़िल में थे मेरे जाने पहचाने कई
एक ही पत्थर लगे है हर इबादतगाह में
गढ़ लिये हैं एक ही बुत के सबने अफ़साने कई
मैं वो काशी का मुसलमाँ हूँ के जिसको ऐ ‘नज़ीर’
अपने घेरे में लिये रहते हैं बुतख़ाने कई
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By: Jagjit Singh
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