Teri Aankhon Se Hi Jaage Soye Hum,
Kab Tak Akhir Tere Gum Ko Roye Hum,
Waqt Ka Marham Zakhmo Ko Bhar Deta Hai,
Shishey Ko Bhi Yeh Pathar Kar Deta Hai,
Raat Ko Tuz Ko Paye Din Mein Khoye Hum,
Har Ahat Par Lagta Hai Tu Aya Hai,
Dhoop Hai Mere Peche Age Saya Hai,
Khud Aapni Hi Lash Ko Kab Tak Dhoye Hum
Movie: Dhoop (2003)
Director: Ashwini Chaudhary
Lyrics: Nida Fazli
Singer: Jagjit Singh
तेरी आँखों से ही जागे सोये हम
कब तक आखिर तेरे ग़म को रोये हम
वक्त का मरहम ज़ख़्मों को भर देता है ,
शीशे को भी ये पत्थर कर देता है ।
रात में तुझको पाऐं , दिन में खोये हम ।
हर आहट पर लगता है तू आया हैं ,
धूप है मेरे पीछे आगे साया है ,
खुद अपनी ही लाश को कब तक ढोये हम ।
तेरी आँखों से ही जागे सोये हम
कब तक आखिर तेरे ग़म को रोये हम
वक्त का मरहम ज़ख़्मों को भर देता है ,
शीशे को भी ये पत्थर कर देता है ।
रात में तुझको पाऐं , दिन में खोये हम ।
हर आहट पर लगता है तू आया हैं ,
धूप है मेरे पीछे आगे साया है ,
खुद अपनी ही लाश को कब तक ढोये हम ।
तेरी आँखों से ही जागे सोये हम
Listen song on youtube.com
From Album: (Muntazir 2004)
Ravayaat (2009)
From: Film Dhoop (2003) song vedio
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