Ye Zindagii
Aaj Jo Tumhaare
Badan Kii Chhotii-ba.dii Naso.n Me.n
Machal Rahii Hai
Tumhaare Pairo.n Se Chal Rahii Hai
Ye Zindagii
Tumhaarii Aavaaz Me.n Gale Se Nikal Rahii Hai
Tumhaare Lafzo.n Me.n Dhal Rahii Hai
Ye Zindagii
Jaane Kitanii Sadiyo.n Se
Yuu.n Hii Shaqale.n
Badal Rahii Hai
Badalatii Shaqale.n
Badalate Jismo.n Me.n
Chalataa-phirataa Ye Ik Sharaaraa
Jo Is Gha.dii
Naam Hai Tumhaaraa
Isii Se Saarii Chahal-pahal Hai
Isii Se Roshan Hai Har Nazaaraa
Sitaare To.do Yaa Ghar Basaao
Qalam Uthaao Yaa Sar Jhukaao
Tumhaarii Aa.nkho.n Kii Roshnii Tak
Hai Khel Saaraa
Ye Khel Hogaa Nahii.n Dubaaraa
Ye Khel Hogaa Nahii.n Dubaaraa
Album: Insight (1994)
By: Jagjit Singh
Lyrics: Nida Fazli
ये ज़िन्दगी
आज जो तुम्हारे
बदन की छोटी-बड़ी नसों में
मचल रही है
तुम्हारे पैरों से चल रही है
तुम्हारी आवाज़ में ग़ले से निकल रही है
तुम्हारे लफ़्ज़ों में ढल रही है
ये ज़िन्दगी
जाने कितनी सदियों से
यूँ ही शक्लें
बदल रही है
बदलती शक्लों
बदलते जिस्मों में
चलता-फिरता ये इक शरारा
आज जो तुम्हारे
बदन की छोटी-बड़ी नसों में
मचल रही है
तुम्हारे पैरों से चल रही है
तुम्हारी आवाज़ में ग़ले से निकल रही है
तुम्हारे लफ़्ज़ों में ढल रही है
ये ज़िन्दगी
जाने कितनी सदियों से
यूँ ही शक्लें
बदल रही है
बदलती शक्लों
बदलते जिस्मों में
चलता-फिरता ये इक शरारा
जो इस घड़ी
नाम है तुम्हारा
इसी से सारी चहल-पहल है
इसी से रोशन है हर नज़ारा
सितारे तोड़ो या घर बसाओ
अलम उठाओ या सर झुकाओ
तुम्हारी
आँखों की रोशनी तकनाम है तुम्हारा
इसी से सारी चहल-पहल है
इसी से रोशन है हर नज़ारा
सितारे तोड़ो या घर बसाओ
अलम उठाओ या सर झुकाओ
है खेल सारा
ये खेल होगा नहीं दुबारा
ये खेल होगा नहीं दुबारा
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By: Jagjit Singh
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